माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और जब यह महाकुंभ के अवसर पर आता है, तो इसकी पवित्रता और भी बढ़ जाती है।
इस दिन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास किया जाता है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में आस्था की डुबकी लगाते हैं।
माघ मास को तप और साधना का महीना माना जाता है, और माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व बताया गया है।
इस दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है। भक्तगण सूर्योदय से पहले ही पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करते हैं और भगवान विष्णु तथा शिव की आराधना करते हैं।
महाकुंभ में माघ पूर्णिमा स्नान का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। साधु-संत, नागा बाबा और लाखों श्रद्धालु एक साथ स्नान कर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।
कुंभ में यह स्नान विशेष रूप से सिद्धि, शुद्धि और आत्मकल्याण के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है, और इन जलों में स्नान करने से जीवन की समस्त नकारात्मकता समाप्त हो जाती है।
इस पावन अवसर पर श्रद्धालु दान-पुण्य, भजन-कीर्तन और सत्संग में लीन रहते हैं। संतों के प्रवचनों से आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है और भक्तगण उनके आशीर्वाद से जीवन को सफल बनाने का संकल्प लेते हैं।
इस शुभ दिन पर हमें अपने मन, वचन और कर्म को शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए और सेवा, दान और भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए।
माघ पूर्णिमा और महाकुंभ स्नान का यह पवित्र अवसर सभी के जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लेकर आए, यही कामना है। आप सभी को महाकुंभ माघ पूर्णिमा स्नान की हार्दिक शुभकामनाएँ!
मां भगवती मनसा देवी का आशीर्वाद आप सब पर सदैव बना रहे। हर हर महादेव।