न जाने कितने जन्मो के पुण्य के उदय होने से गुरु की शरण प्राप्त होती है 27 वे श्री गुरु प्रेम स्मृति सम्मेलन मे बोले महामंडलेश्वर शिव प्रेमानन्द महाराज
August 08, 2024
हरिद्वार 8 अगस्त 2024 को भूपतवाला स्थित श्री निजत्म प्रेम धाम ट्रस्ट मे 27 वाॅ श्री गुरु प्रेम स्मृति सम्मेलन बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संत महापुरुषों के श्री मुख से निकले ज्ञान की वर्षा तथा उनकी गरिमा मय उपस्थिति के बीच संपन्न हुआ परम पूज्य निजात्म पीठाधीश्वर अनंन्त विभूषित महामंडलेश्वर 1008 श्री श्री स्वामी गुरु प्रेमानंद जी महाराज प्रेम मूर्ति जी की पावन स्मृति में सभी ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए इस अवसर पर बोलते हुए धर्म परायाण महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य स्वामी शिव प्रेमानन्द जी महाराज ने कहा गुरु की शरण न जाने कितने जनों के पुण्य के उदय होने से प्राप्त होती है जो भक्त सच्चे मन से गुरु की शरणागत हो जाते हैं वह गुरु चरणों की श्री रज से अपने जीवन को पावन और धन्य कर लेते निजात्म पीठाधीश्वर स्वामी गुरु प्रेमानन्द जी महाराज ज्ञान एवं त्याग की एक अखंड मूर्ति थे उन्होंने अपने त्याग और समर्पण के माध्यम से जगत को कल्याण का मार्ग दिखाया संस्था और सनातन को आगे ले जाने का कार्य किये वेज्ञान का एक विशाल समुद्र थे उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य किया करते थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी श्री निजात्म प्रेम धाम तथा संस्था के अन्य स्थानों में विद्यमान है संत एक छायादार वृक्ष के समान होता है उसका जीवन सदैव समाज को समर्पित होता है वह अपने जीवन में भी दूसरों को छाया तथा शीतलता प्रदान करता है और इस लोक से चले जाने के बाद भी उनके द्वारा दिया गया ज्ञान भक्तों के जीवन को पावन और धन्य कर देता है श्री गुरु चरणों की रज शिष्यों और भक्तों को एक सफल जीवन की परख करा देती हैं परम पूज्य गुरुदेव ज्ञान का एक ऐसा विशाल सूर्य थे जिनके ज्ञान का प्रताप भक्तजनों के रूप में तथा उनके द्वारा दिए गए ज्ञान के रूप में विश्व भर में प्रसारित हो रहा है उनके दिखाये गये मार्ग पर चलने से संस्था निरंतर उन्नति के पथ पर है भक्तजन सुखद जीवन का अनुभव कर रहे हैं गुरु के द्वारा दिया गया ज्ञान कभी मिथ्या नहीं जाता गुरु के श्री मुख से निकला एक-एक शब्द भक्तों तथा समाज के लिए अति कल्याणकारी होता है इस अवसर पर श्री महंत महामंडलेश्वर कमलापुरी कोठारी महंत ज्ञान प्रेमानन्द महाराज महाराज महंत कमलेशानन्द महाराज श्री महंत रामेश्वरानंन्द महाराज जूना अखाड़े के पूर्व सचिव श्री महंत देवानन्द सरस्वती महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत अरुण दास महाराज महंत सुरेश्वरानंद महाराज शुक्र गिरी महाराज स्वामी आनंद चेतन्य महाराज महामंडलेश्वर स्वामी रघुनाथ गिरी महाराज महामंडलेश्वर आत्म चेतन सरस्वती महाराज महामंडलेश्वर रामेश्वरानंन्द महाराज महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर गिरी महाराज स्वामी सुरेश्वरानन्द महाराज महामंडलेश्वर गिरधर गिरी महाराज स्वामी भोलानंद महाराज महंत मोहन सिंह महाराज महंत मोहन सिंह महाराज साध्वी शक्ति बाई साध्वी पिंकी बाई महंत किशन गिरी महाराज महंत देवगिरी महाराज महंत रवींद्रापुरी जी स्वामी कृष्णापुरी महाराज स्वामी संत योगेश्वरानंद श्री लव पुरी कोतवाल श्याम गिरी कोतवाल रमेशानंद देहरादून बाबा रितिक शर्मा प्रवीण कश्यप ठाकुर मनोजानन्द सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे