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    भक्ति सदैव हृदय में वास करती है जिसके हृदय में भक्ति का वास हो उसके जीवन का उद्धार हो जाता है श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज

    हरिद्वार 18 अप्रैल 2025 विकास कॉलोनी जगजीतपुर कनखल में श्री गज मुक्तेश्वर धाम में वार्षिक कार्यक्रम संत समागम को संबोधित करते हुए पंचायती श्री महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने कहा भक्ति मन से नहीं हृदय से की जाती है और जिसके हृदय में भक्ति का वास होता है उसका सदैव कल्याण होता है स्फटिक ईश्वर महादेव की दिव्य मूर्ति जो गज मुक्तेश्वर धाम में स्थापित है भक्तों के मन में शीतलता प्रदान करते हुए उनके तन और मन से दरिद्रता तथा रोगों का विनाश करने के साथ-साथ जो भक्त सच्चे मन से मंदिर में भगवान के स्फटिक शिवलिंग के पावन दर्शन करेगा उसके जीवन के सभी शक्ल समाप्त हो जायेगे उसके भाग्य का उदय हो जाएगा इस पृथ्वी लोक पर जो आया है उसे मृत्यु का वर्ण करना ही होता है इसलिये पूजा पाठ धर्म कर्म दान परोपकार और ईश्वर भक्ति इस जीवन को सार्थक करने का पावन मार्ग है इस कलयुग के करयुग भाग का प्रथम चरण इस समय गतिमान है इधर कर उधर भर वाली स्थिति रहेगी इंसान की आंखों में शर्म नहीं होगी छोटे बड़ों को आंखें दिखाये पुरुष 10 से 12 मीटर कपड़ा पहनेगी और स्त्रियों सिर्फ जरूरी अंगों को ढकने के लियें वस्त्र धारण कर तिरिया चरित्र का परपंच दिखाने को फैशन समझेंगी किंतु जो ईश्वर की आराधना करेंगे जिनके मन में ईश्वर भक्ति बसी होगी वह कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहेंगे उनकी आंखों में भी शर्म होगी उनका पहनावा भी परंपरागत होगा घर की स्त्रियां पूर्ण परिधान और वस्त्र धारण करेंगी पूरी तरह संस्कारवान होगी और उनके जीवन में धन-धान्य की वर्षा होगी सुख समृद्धि का वास होगा इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत मंशा पूरी जी महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें गुरुजनों की संगत करने का सौभाग्य प्राप्त होता है और गुरुजनों का मार्गदर्शन प्राप्त होता है इस पृथ्वी लोक पर हमारे गुरु जन ही ऐसा दिव्या महान सानिध्य होते हैं जो धर्म कर्म पूजा पाठ भंडारे आदि के माध्यम से भक्तों को कल्याणके मार्ग की और ले जाते हैं संतो के पावन दर्शन और संत महापुरुषों का पावन सानिध्य हमारे भाग्य का उदय कर देता है दान सत्कर्म पूजा पाठ हमें ईश्वर के श्री चरणों तक पहुंचाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए आचार्य श्री मनोज बर्थवाल ने कहा हम लोगों का बड़ा ही सौभाग्य है की हमें संत महापुरुष गुरुजनों की पावन संगत करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें गुरुजनों का सानिध्य प्राप्त होता है ईश्वर भक्ति और गुरु की संगत जन्मो जन्म के पुण्यों के उदय होने से प्राप्त होती है इस अवसर पर महंत मुख्तियार पुरी महाराज महंत मंशा पूरी महाराज स्वामी हंसराज पुरी महाराज स्वामी अर्जुन गिरी महाराज स्वामी शौकीन पुरी महाराज स्वामी सूर्य मोहन महाराज आचार्य मनोज बर्थवाल अचार्य कपिल शास्त्री स्वामी भागीरथ महाराज महंत हनुमंत बाबा महाराज स्वामी मोहनपुरी महाराज श्री नामदेव महाराज महंत कमलेशानन्द महाराज कोतवाल रमेशानन्द देहरादून बाबा  अनेको संत भक्त उपस्थित थे सभी ने आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।

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